रायबरेली, 26 दिसंबर 2023
नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने के उद्देश्य से आज से विटामिन ए संपूरण कार्यक्रम शुरू हो रहा है जो कि महीने भर तक चलेगा |मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि विटामिन ए की कमी से एनीमिया रोग, प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होना, आंखों की रोशनी कम होना, अंधापन, आंखों में आंसू न बनना, रूखी त्वचा हो जाना, मुंह में छाले और दस्त जैसी समस्या हो सकती है | इन सबसे बचने के लिए बच्चों को विटामिन ए की दवा जरूर पिलाएं |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में नौ माह से पाँच साल के लगभग 3.12 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाए जाने का लक्ष्य है | जिसमे नौ से 12 माह के 18,818, एक से दो साल के 70,912 और दो से पाँच साल तक के कुल 2,22,196 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है |
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना बताते हैंकि नौ माह से 12 माह तक बच्चों को नियमित टीकाकरण के दौरान एमआर के प्रथम टीके के साथ एक मिलीलीटर (एमएल) विटामिन ए की खुराक पिलाई जाती है जबकि 16 माह से 24 माह के बच्चों को एमआर के दूसरे टीके के साथ दो एमएल देनी होती है। हर छह माह पर बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान दो वर्ष से पांच वर्ष तक की आबादी को दो एमएल पिलाई जाती है।
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनाए रखने में विटामिन ए काफी मददगार साबित हो सकता है। यह वसा में घुलनशील विटामिन है और यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है।

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