एस.एस.ओ.सी.आई. ने कराटे पर प्रतिबन्ध लगाया
कोलफील्ड मिरर 20 दिसंबर (नई दिल्ली): दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया (केएआई) को नेशनल फेडरेशन के रूप में कार्य करने पर प्रतिबंधित कर दिया है। यह फैसला काई के निदेशक श्री अम्बेडकर गुप्ता की याचिका पर दिया गया जिन्होंने काई के अवैध चुनाव और अवैध कार्यों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए
यह याचिका दायर की थी। इसके बाद भारत में केवल कराटे इंडिया ऑर्गनाइजेशन (केआईओ), जो वर्ल्ड कराटे फेडरेशन (डब्लूकेएफ) और एशियन कराटे फेडरेशन (एकेएफ) से एकमात्र मान्यता प्राप्त संस्था है, वर्ल्ड कराटे फेडरेशन (डब्लूकेएफ) और एशियन कराटे फेडरेशन (एकेएफ) की अधिकृत संस्था के साथ केवल कराटे इंडिया ऑर्गेनाइजेशन (कियो) ही भारत में कराटे की गतिविधियों को संचालित करने हेतु आधिकारिक तौर पर कार्यरत रहेगा। उच्च न्यायालय के इस निर्णय ने कराटे समुदाय में स्पष्टता लाई है, क्योंकि अब खेल गतिविधियों और प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए केवल केआईओ ही जिम्मेदार होगी। यह निर्णय भारत में कराटे खेल को एक संगठित दिशा में ले जाने की उम्मीदों को बढ़ाता है।
विवाद का कारण
केएआई पर खेल नियमों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने के आरोप लगे थे। कई वर्षों से इसके संचालन को लेकर विवाद और अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज हो रही थीं।
केआईओ की भूमिका
केआईओ अब वर्ल्ड कराटे फेडरेशन के दिशा-निर्देशों के तहत भारत में कराटे खेल का संचालन करेगी। खिलाड़ियों और कोचों के लिए यह सुनिश्चित करेगा कि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें।
यह निर्णय कराटे खिलाड़ियों के लिए एक नई शुरुआत की तरह है और उम्मीद की जाती है कि इससे खेल की प्रगति और पारदर्शिता बढ़ेगी।