प्राइवेट अस्पताल में गलत इलाज से 4 वर्ष के मासूम की मौत ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इन मौतों के क्या जिम्मेदार है
बछरावां प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इन मौतों के क्या जिम्मेदार हैऐसे में पीड़ित किसकी दर पर जाए और किससे न्याय मांगे एक बड़ा सवाल जरूर खड़ा हो रहा है। कुछ दिन पहले ही बछरावां थाना क्षेत्र में बने सुषमा देवी हॉस्पिटल में एक 21 वर्षीय युवक का पथरी का तीन बार ऑपरेशन किया गया और उसकी मौत हो गई इस पर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी कान में तेल डालकर सो गए। और पीड़ित को अभी तक कोई न्याय नहीं मिला। अब एक और मामला निकाल कर सामने आया जहां हरचंदपुर क्षेत्र के स्टेशन रोड पर स्थित प्रबल हॉस्पिटल का है जहां पर कल शाम लगभग 6 बजे आशीष निवासी रहवा अपने 4 साल के बच्चे हंस को प्रबल अस्पताल पहुंचे 4 साल के बच्चे को उल्टियां हो रही थी फिर क्या हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने उस बच्चे को आनन फानन भर्ती कर लिया और उसे ग्लूकोज लगना शुरू कर दिया एक ग्लूकोज चढ़ गया दूसरे ग्लूकोस लगाया गया और उसमें तीन-चार इंजेक्शन डाले गए इसके बाद 4 वर्ष के मासूम हंस के हाथ पर ऐंठने लगे। यह हम नहीं कह रहे हैं मासूम हंस के परिजन कह रहे हैं की हाथ पैर ऐंठने पर हमने डॉक्टर को अवगत कराया लेकिन डॉक्टर ने कहा कि अभी ठीक हो जाएगा लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ती गई और और ज्यादा बिगड़ गई तो आनन फानन मौजूद डॉक्टर ने उसे रायबरेली के एक प्राइवेट अस्पताल ले गए लेकिन उसे प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हाथ लगाने से मना कर दिया मृतक बच्चे के परिजनों का आरोप है कि हमारे बच्चे की मौत पहले ही हो गई थी लेकिन डॉक्टर ने अपनी जान छुड़ाने के लिए उसे प्राइवेट अस्पताल ले गए इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और पुलिस को सूचना दी। फिलहाल मासूम बच्चों के परिजनों ने शव को अपने घर ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया।
बाइट– अखिलेश कुमार (मृतक के मामा)
वहीं अस्पताल में तैनात डॉक्टर अजीत ने बताया कि जब बच्चे को लाया गया था तो वह सीरियस था उसे उल्टी दस्त हो रहे थे उसे तत्काल ऑक्सीजन लगाया गया दो-तीन इंजेक्शन दिए गए जब नहीं समझा तो मैं खुद अपनी गाड़ी से लेकर ममता हॉस्पिटल पहुंचा लेकिन बच्चा बच न सका और उसकी मौत हो गई।