नगर पंचायत अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह उर्फ राम जी के अगुवाई में भू भूमाफियों द्वारा अवैध रूप से किया जा रहा कब्ज को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया
रायबरेली के महराजगंज तहसील में पूर्व विधायक रामलाल अकेला नगर पंचायत अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह उर्फ राम जी के अगुवाई में भू भूमाफियों द्वारा अवैध रूप से किया जा रहा कब्ज को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया धरना प्रदर्शन के दौरान लोगों ने एसडीएम मुर्दाबाद तेरी तानाशाही नहीं चलेगी लेखपाल हटाओ तालाब बचाव के नारा के साथ माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन उप जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया जिसमें कई मांगे रही मांगों को एसडीएम राजित राम गुप्ता द्वारा स्वीकार करने पर धरना को समाप्त किया गया।
एसडीएम को अपनी मांग रखी एसडीएम ने उन मांगों को स्वीकार करते हुए धरना प्रदर्शन समाप्त करवाया। मांगे निम्न वन्त है।नगर पंचायत बछरावां की आबादी घाटा संख्या 1185 / 8.165 हेक्टेयर के जल मग्न क्षेत्र में गलत पैमाइश के संबंध में चार सूत्रीमांग का ज्ञापन एसडीएम को सोपा।नगर पंचायत बछरावां तहसील महराजगंज जिला रायबरेली की आबादी व जल मग्न गाटा संख्या 1185 /8.165 हेक्टेयर पर गलत पैमाइश करके पटाई की जा रही थी जिस पर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में कब्जा किया जा रहा था इस संबंध में चार सूत्री मांगों हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय को उप जिलाधिकारी महराजगंज जिला रायबरेली के माध्यम से ज्ञापन दिया जा रहा है।प्रदर्शन कार्यों की मांगे उक्त गाटा संख्या पर जब तक पैमाइश कानूनी तरीके से नहीं होती तब तक अवैध कब्जा रोका जाए पुलिस प्रशासन का जबरन हस्तक्षेप रोका जाए राजस्व टीम की गलत पैमाइश और दी गई आख्या को निरस्त किया जाए पुलिस प्रशासन व दबंगो को गरीबों के मकानों को उजाड़ने से रोका जाए।इन सभी मांगों को रखा और एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर धरना प्रदर्शन समाप्त किया गया।आपको बता दें कि बछरावां कस्बा में प्रॉपर्टी डीलर द्वारा नान जेड जमीन को कब्जा करके तालाब को पटवा रहे थे और पहले से बने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान को तहसीलदार महोदय महराजगंज द्वारा नोटिस जारी कर खाली करने का आदेश दिया किया गया था। जिसको लेकर पूर्व विधायक रामलाल अकेला नगर पंचायत अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह उर्फ राम जी की अगवाई में सभासद व कस्बा वासियों ने जमकर इसका विरोध किया था आज महाराजगंज तहसील पहुंचकर एसडीएम के खिलाफ व लेखपाल के खिलाफ भी धरना प्रदर्शन कर लेखपाल को हटाए जाने की मांग करने लगे और अपनी मांगों को रखते हुए धन्ना समाप्त किया